Credit Score / अपने क्रेडिट स्कोर का रखें खयाल, इससे पता चलती है आपकी फाइनेंशियल…

Credit Score / अपने क्रेडिट स्कोर का रखें खयाल, इससे पता चलती है आपकी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी
अच्छे क्रेडिट स्कोर से मिलते हैं बड़े फायदे

आपने कितना लोन ले रखा है, कितनी ईएमआई है, आप समय पर ईएमआई चुका रहे हैं या नहीं, यह सारी जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में मौजूद होती है। यही क्रेडिट रिपोर्ट बताती है कि आप लोन चुकाने के मामले में भरोसेमंद हैं या नहीं। इसी रिपोर्ट के आधार पर कंपनियां तय करती हैं कि वे आपको नया लोन देंगी या नहीं। यानी यह रिपोर्ट आपके लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आपका क्रेडिट स्कोर ठीक नहीं है, तो उसे आज से ही सुधारना शुरू कर दें, वरना आगे आपको वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

क्या है क्रेडिट स्कोर?

यह ऐसा आंकड़ा होता है जो किसी उपभोक्ता की क्रेडिट हिस्ट्री पर आधारित होता है और इससे उसकी ऋण पात्रता का आकलन किया जाता है। क्रेडिट देने वाली कंपनियां और बैंक इसी स्कोर के आधार पर अंदाजा लगाते हैं कि ग्राहक अपना उधार समय रहते चुकाएगा या नहीं। किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 300 से 850 की रेंज के बीच रहता है। यह स्कोर जितना ज्यादा रहता है, व्यक्ति को उतना ज्यादा आर्थिक रूप से भरोसेमंद माना जा सकता है।

रेटिंग बताती हैं आपकी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी

750 व इससे ज्यादा: बहुत अच्छा
700 से 749: अच्छा
650 से 699: ठीक
550 से 649: खराब
550 से नीचे: बेहद खराब

ऐसे सुधारें क्रेडिट रिपोर्ट

अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है तो आप कुछ कदम उठाकर इसे ठीक कर सकते हैं-

1. अपने सभी बिलों का भुगतान समय पर करें।
2. अगर आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ सके तो उसे बढ़वा लें। हालांकि ध्यान रहे कि आपको खर्चे ज्यादा नहीं करने हैं, ताकि आपके क्रेडिट कार्ड में खर्च की रेट कम रहे।
3. अपने क्रेडिट कार्ड अकाउंट को बंद न कराएं: अगर आपने किसी क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करना बंद भी कर दिया है तब भी उस अकाउंट को बंद न करें। कार्ड कितना पुराना है और उसमें कितनी लिमिट है उसके हिसाब से अगर आप अकाउंट बंद करते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचता है।

अच्छे क्रेडिट स्कोर से मिलते हैं बड़े फायदे

अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको कई ऋण संस्थानों से सस्ती ब्याज दरों पर उधार मिल सकता है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि जितना अच्छा क्रेडिट स्कोर होगा उतना कम आपको ब्याज चुकाना होगा। यानी अपने लिए घर-गाड़ी खरीदना, कोई फॉरेन ट्रिप प्लान करना, शादी के बाद बच्चों की बेहतर शिक्षा के इंतजाम और उनकी शादी के लिए धन जुटाने जैसी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे।


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